Why Raksha bandhan is Celebrated - रक्षाबन्धन क्यू मनाया जाता है
1. रक्षाबन्धन हिन्दुओं का म्हत्वपुरण पर्व है जिसे पूरे हिन्दुस्तान मैं बड़े उत्साह से मनाया जाता है |भारत के इलावा भी आन्ये देशों मैं जहा हिंदू धर्म के लोग रहते हैं वॉया भी बड़े उतशाह से म्नाया जाता है यह भाई - बहनों मैं बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है भेने अपने भाई की क्लाई पर राखी बाद्ति है ओर भाई सारी जिंदगी उनकी रक्षा करने कर प्राण देता है,
कब से शुरू हुई रक्षाबन्धनकी प्रथा :
जब श्री कृष्ण भगवान ने शिशुपाल का वध किया था तो उनके हाथ मैं चोट लग गई थी तब उनकी मूह बोली बहन द्रोपति जो की अर्जुन की धर्म पत्नी थी उन्होने देखा की श्री कृष्ण भगवान के हाथ से रक्त बह रहा है तो उन्होने तोड़ा सा कपड़ा अपनी साड़ी से फड़कर उनके हाथ से बाद दिया - क्या आप जानते हो की उस दिन श्रावणमास की पूर्णिमा थी तब श्री कृष्ण ने द्रोपति को रक्षा का वचन दिया था - तब से ही श्रावणमास को रक्षाबन्धन की प्रथा चल रही है | श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं।
2.भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार देवताओ के राजा इंद्र ओर दानवों में १२ वर्षों तक युद्ध हुआ पर देवता विजयी नहीं हुए इस तब राजा इंद्र की पत्नी महारानी शची ने श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु से मदद माँगी भगवान विष्णु ने उसे एक रक्षासूत्र दिया जिस को महारानी शची ने राजा इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधा ओर सफलता की कामना की जिसके फलस्वरुप इन्द्र की दानवों पर विजय हुई।यहा से इस पवित्र धागे की परंपरा शुरू हुई ,इस के बाद युध मैं जाने से पहले पत्निया अपने पति को धागा बाधती थी ओर एहतोहार सिर्फ़ भाई बहनो तक ही सीमात नही है
Rakshabandhan 2018 |
2.भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार देवताओ के राजा इंद्र ओर दानवों में १२ वर्षों तक युद्ध हुआ पर देवता विजयी नहीं हुए इस तब राजा इंद्र की पत्नी महारानी शची ने श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु से मदद माँगी भगवान विष्णु ने उसे एक रक्षासूत्र दिया जिस को महारानी शची ने राजा इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधा ओर सफलता की कामना की जिसके फलस्वरुप इन्द्र की दानवों पर विजय हुई।यहा से इस पवित्र धागे की परंपरा शुरू हुई ,इस के बाद युध मैं जाने से पहले पत्निया अपने पति को धागा बाधती थी ओर एहतोहार सिर्फ़ भाई बहनो तक ही सीमात नही है
केसे मनाते है रक्षाबन्धन :
रक्षाबन्धन के दिन बहने सुबहा अपने भाई की क्लाई पर एक धागा अपने भाई के दाहिंने हाथ पर बान्दती है ओर अपने भाई की लामी उमर की दुआ मांगती है |
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